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शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पन्ना के युवा नेता कुलदीप भी

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                             पन्ना -   महा राष्ट्र में शिवसेना में फूट पड़ने के बाद अन्य राज्यों में भी  शिवसेना नेताओं के बीच फूट पड़ी. अपने राजनीतिक भविष्य और महाराष्ट्र के शिवसेना नेताओं से अपने-अपने संपर्क व संबंधों के अनुसार यह नेता अलग-अलग भागों में बट गए. कुछ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ गए तो कुछ ने उद्धव ठाकरे  के प्रति अपनी निष्ठा कायम रखी.  मध्यप्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए उद्धव ठाकरे के आदेश पर मध्यप्रदेश में शिवसेना को मजबूत करने की जिम्मेदारी अशोक तिवारी को सौंपी.  संगठन में युवाओं को भी विशेष तवज्जो देने के उद्देश्य प्रदेश में युवा इकाई का गठन  करने योजना बनाई . शिवसेना की युवा इकाई का अध्यक्ष बनने शिवसेना में सक्रिय सक्रिय कुलदीप तिवारी, प्रभात पुराणी व नितेश तिवारी  अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे. लेकिन नितेश तिवारी  द्वारा कुलदीप का समर्थन किए जाने के बाद युवा सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनने की होड़ में कुलदीप की दावेदारी भी स...

*आखिर आदिम जाति कल्याण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी क्यों है छात्रावास अधीक्षकों के ऊपर मेहरबान ?*

👉  छात्रावास की अनियमितता उजागर होने के बाद भी नही हुई कोई जांच

👉  जिलाप्रशासन की कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में

(रामप्रताप वर्मन )  सलेहा -  कल्दा पठार क्षेत्र एवं उसके आसपास के बच्चों की शैक्षणिक व्यवस्था हेतु उनके रहने , खाने , पीने एवं देखभाल के लिए बीते कई वर्षों से बालक छात्रावास संचालित है विभागीय उदासीनता एवं स्थानीय कर्मचारियों विशेषकर छात्रावास अधीक्षक की मनमानी के कारण यहां अव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार का आलम है इसका संचालन कागजी तौर पर तो विधिवत दिखाई देता है परन्तु सच्चाई कुछ और है छात्रावास में लगभग 70 बच्चों के रहने , खाने - पीने व पढ़ाई की  सम्पूर्ण व्यवस्था का निर्धारण शासन के द्वारा किया गया है परन्तु यहां के अधीक्षक की लापरवाही मनमानी पूर्ण रवैया व कर्त्तव्य हीनता के कारण अव्यवस्था और भ्रष्टाचार जोरों पर है छात्रावास में लगभग रोजाना पन्द्रह से बीस बच्चे ही उपस्थित रहते है जबकि खर्च पूरे सत्तर बच्चों का रिकार्ड में डाला जाता है विभागीय उदासीनता व जिला प्रशासन की निष्क्रियता के कारण आज तक इस छात्रावास में कोई भी जिले का आलाअधिकारी जांच करने नही जाता है हर महीने लाखों का खर्च भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है कि बार स्थानीय संवाददाता के द्वारा यहां की अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाया गया परन्तु संवेदन हीन जिले की प्रशासनिक व्यवस्था निष्क्रिय साबित हुई जिस कारण से जिले की प्रशासनिक कार्यप्रणाली भी सन्देह के घेरे में लग रही है यहां के स्थानीय लोगों व बच्चों के अभिवावक छात्रावास की अव्यवस्था से बहुत दुःखी व नाराज है लोगों का कहना है कि शायद अब भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था से मुक्ति मिल जाये और हमारे बच्चों के शैक्षणिक जीवन के लिए शासन द्वारा दी जा रही सुविधा का लाभ मिल सके नवगठित सरकार के बारे में लोगों का मानना है की  जिले की प्रशासनिक व्यवस्था अब सुधरेगी और इस छात्रावास में हुए भारी भ्रष्टाचार , अव्यवस्था एवं अनियमितता की जांच होगी लोगों का यह भी कहना है कि अतिशीघ्र यदि इसकी जांच नही हुई। तो यह तय है कि आदिमजाति कल्याण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी जेब भरने में लगे हुए है।
Editor - Sushil Varman 
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