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शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पन्ना के युवा नेता कुलदीप भी

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                             पन्ना -   महा राष्ट्र में शिवसेना में फूट पड़ने के बाद अन्य राज्यों में भी  शिवसेना नेताओं के बीच फूट पड़ी. अपने राजनीतिक भविष्य और महाराष्ट्र के शिवसेना नेताओं से अपने-अपने संपर्क व संबंधों के अनुसार यह नेता अलग-अलग भागों में बट गए. कुछ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ गए तो कुछ ने उद्धव ठाकरे  के प्रति अपनी निष्ठा कायम रखी.  मध्यप्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए उद्धव ठाकरे के आदेश पर मध्यप्रदेश में शिवसेना को मजबूत करने की जिम्मेदारी अशोक तिवारी को सौंपी.  संगठन में युवाओं को भी विशेष तवज्जो देने के उद्देश्य प्रदेश में युवा इकाई का गठन  करने योजना बनाई . शिवसेना की युवा इकाई का अध्यक्ष बनने शिवसेना में सक्रिय सक्रिय कुलदीप तिवारी, प्रभात पुराणी व नितेश तिवारी  अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे. लेकिन नितेश तिवारी  द्वारा कुलदीप का समर्थन किए जाने के बाद युवा सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनने की होड़ में कुलदीप की दावेदारी भी स...

*पन्ना जिले में 15 अप्रैल से किया जाएगा रबी फसलों का उपार्जन , कोरोना वायरस संक्रमण रोकने उपार्जन केन्द्रों पर भीड इकट्ठी न हो - कलेक्टर*


पन्ना / कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की अध्यक्षता में उपार्जन समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर ने उपार्जन से संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गेंहू की खरीदी केन्द्र पृथक से स्थापित करने के साथ चना, मसूर, सरसों के खरीदी केन्द्र पृथक से स्थापित किए जाए। जिससे उपार्जन केन्द्रों पर भीड इकट्ठी न हो। उपार्जन केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी है। जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की चलाई जा रही मुहिम सफल हो सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर किसान के लिए छायावान, पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सभी केन्द्रों पर आवश्यक उपकरण जैसे कम्प्यूटर, सिलाई मशीन, तोलाई मशीन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। केन्द्रों पर कम से कम श्रमिक रखे जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गेंहू एवं अन्य रबी फसलों के उपार्जन केन्द्र अलग-अलग स्थानों पर स्थापित किए जाएं। जिससे एक-दूसरे केन्द्र में आने वाले लोग आपस में मिले नही। 
शासन द्वारा रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करते हुए नई दरें लागू कर दी गयी हैं। इस वर्ष गेहूं का समर्थन का मूल्य 1925 रूपये प्रति क्विंटल, जौ का 1525 प्रति क्विंटल, चना 4875 रूपये प्रति क्विंटल, मसूर 4800 प्रति क्विंटल तथा सरसों 4425 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गयी है।  किसान भाईयों से अपेक्षा की गयी है कि उपार्जन केन्द्रों पर विक्रय के लिए लाने वाली फसलों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। चने की फसल में तेवडा नही मिला होना चाहिए। इसी प्रकार अन्य फसलों में अन्य कोई मिलावट तथा नमी निर्धारित मात्रा से अधिक नही होनी चाहिए। यदि गुणवत्ताहीन फसल उपार्जन केन्द्र पर विक्रय के लिए लाई जाती है तो उसकी खरीदी उपार्जन केन्द्र द्वारा नही की जाएगी। ऐसी फसलों को किसान को वापस ले जाना पड़ेगा।
Editor - Sushil Barman
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